क्यों भौंकते है रात्रि मे कुत्ते ओर बिल्ली
****क्यों भौंकते है रात्रि में कुत्ते ओर बिल्ली****
आपने अधिकतर रात्रि के समय कुत्तों को भोंकते ओर बिल्लीयों को मिमियाते देखा होगा । यह दोनों दिन कि अपेक्षा रात्रि में अधिक आवाज करते है ।
कुत्ते का स्वभाव है कि जब भी रात्रि में किसी को देखेगा तो तुरन्त भोकने लगेगा ।
अब रात्रि में तो सब शयन करते है तो फिर इन्हे कोन दिखाई देता है ?
दरअसल कुत्ते ओर बिल्ली कि छठी इन्द्री जागृत होती है या फिर यूँ समझ लीजिये कि इनमें कुछ विशेष एसा होता है जो मानव में नहीं होता ।
रात्रि के समय विचरण करने वाली प्रेतात्मायें इन्हे साफ ओर स्पष्ट जीवित मनुष्यों कि तरह दिखाई पडती है। ओर कुत्ते का स्वभाव है किसी को देखते ही भौंकना शुरू करना। प्रेतात्माओं का समय रात्रि में 12 से 3 बजे तक का विशेष माना गया है, ओर आप गोर किजियेगा कि इसी समय में कुत्ते शमशान, कब्रिस्तान, या किसी सुनसान इलाके में अधिक भौंकते है ।
कुत्तों को भविष्य का पूर्वाभास भी होता है , शकुन शास्त्र में इनका विस्तृत वर्णन मिलता है।
अगर यदि कोई कुत्ता रात्रि के समय आपके घर के बाहर लगातार तीन दिन बैठकर रोता है तो समझ जाइये कि घर में किसी कि मृत्यु होने वाली है , इस बात को मेने स्वयं अनुभव किया है
अगर यदि आपने घर में कोई कुत्ता या बिल्ली पाल रखी हो , ओर वह रात्रि में बिना किसी वजह के आवाज करने लगे, तो समझ जाइये कि आपके घर में कोइ प्रेतात्मा विचरण करती है ।
कई कुत्तों को आपने शाम को भगवान के मन्दिर के बाहर आरती के समय रोने जेसी ध्वनी करते देखा होगा, कभी सोचा है आपने कि कुत्ते एसा क्यों करते है, क्यों कि इन रोने वाले कुत्तों को इनके पूर्वजन्म कि स्मृति होती है, इन्हे यह भी स्मरण होता है कि किस कर्म कि वजह से इन्हे कुत्ते कि योनि मिली । यह भगवान के सामने रोकर उनसे क्षमा माँगते है । गोवर्धन में एक आश्रम में एक एसा कुत्ता था जो एकादशी के दिन अन्न ग्रहण नहीं करता था ।
जो किसी के साथ विश्वासघात करता है या धोखेबाजी, छल कपट, पाखण्ड करता है उसे जरूर कुत्ते कि योनि मिलती है , क्यों कि कुत्ते कि योनि में वह पूर्ण रूप से आजीवन वफादार रहता है । कुत्ते में यह वफादारी का गुण इसिलीये ही पाया जाता है । आजकल कुत्ते पालने कि एक फेशन सी चल पडी है जो कि शास्त्रों के अनुसार गलत है, शास्त्रों में स्पष्ट निर्देश है कि कुत्ता, सूअर या मुर्गा नीच जाती के जानवर को पालने वाले को नर्क में जाना पडता है । पालना ही है तो गाय को पालिये जो आपका लोक ओर परलोक दोनों सुधार देगी ।
भारत भूषण शर्मा
****क्यों भौंकते है रात्रि में कुत्ते ओर बिल्ली****
आपने अधिकतर रात्रि के समय कुत्तों को भोंकते ओर बिल्लीयों को मिमियाते देखा होगा । यह दोनों दिन कि अपेक्षा रात्रि में अधिक आवाज करते है ।
कुत्ते का स्वभाव है कि जब भी रात्रि में किसी को देखेगा तो तुरन्त भोकने लगेगा ।
अब रात्रि में तो सब शयन करते है तो फिर इन्हे कोन दिखाई देता है ?
दरअसल कुत्ते ओर बिल्ली कि छठी इन्द्री जागृत होती है या फिर यूँ समझ लीजिये कि इनमें कुछ विशेष एसा होता है जो मानव में नहीं होता ।
रात्रि के समय विचरण करने वाली प्रेतात्मायें इन्हे साफ ओर स्पष्ट जीवित मनुष्यों कि तरह दिखाई पडती है। ओर कुत्ते का स्वभाव है किसी को देखते ही भौंकना शुरू करना। प्रेतात्माओं का समय रात्रि में 12 से 3 बजे तक का विशेष माना गया है, ओर आप गोर किजियेगा कि इसी समय में कुत्ते शमशान, कब्रिस्तान, या किसी सुनसान इलाके में अधिक भौंकते है ।
कुत्तों को भविष्य का पूर्वाभास भी होता है , शकुन शास्त्र में इनका विस्तृत वर्णन मिलता है।
अगर यदि कोई कुत्ता रात्रि के समय आपके घर के बाहर लगातार तीन दिन बैठकर रोता है तो समझ जाइये कि घर में किसी कि मृत्यु होने वाली है , इस बात को मेने स्वयं अनुभव किया है
अगर यदि आपने घर में कोई कुत्ता या बिल्ली पाल रखी हो , ओर वह रात्रि में बिना किसी वजह के आवाज करने लगे, तो समझ जाइये कि आपके घर में कोइ प्रेतात्मा विचरण करती है ।
कई कुत्तों को आपने शाम को भगवान के मन्दिर के बाहर आरती के समय रोने जेसी ध्वनी करते देखा होगा, कभी सोचा है आपने कि कुत्ते एसा क्यों करते है, क्यों कि इन रोने वाले कुत्तों को इनके पूर्वजन्म कि स्मृति होती है, इन्हे यह भी स्मरण होता है कि किस कर्म कि वजह से इन्हे कुत्ते कि योनि मिली । यह भगवान के सामने रोकर उनसे क्षमा माँगते है । गोवर्धन में एक आश्रम में एक एसा कुत्ता था जो एकादशी के दिन अन्न ग्रहण नहीं करता था ।
जो किसी के साथ विश्वासघात करता है या धोखेबाजी, छल कपट, पाखण्ड करता है उसे जरूर कुत्ते कि योनि मिलती है , क्यों कि कुत्ते कि योनि में वह पूर्ण रूप से आजीवन वफादार रहता है । कुत्ते में यह वफादारी का गुण इसिलीये ही पाया जाता है । आजकल कुत्ते पालने कि एक फेशन सी चल पडी है जो कि शास्त्रों के अनुसार गलत है, शास्त्रों में स्पष्ट निर्देश है कि कुत्ता, सूअर या मुर्गा नीच जाती के जानवर को पालने वाले को नर्क में जाना पडता है । पालना ही है तो गाय को पालिये जो आपका लोक ओर परलोक दोनों सुधार देगी ।
भारत भूषण शर्मा
1 Comments
Sabhi pashu pakshi Janwar Atma ko Dekh sakate har Atma Ka in ko dikhai dene wala roop wahin hota h sarir ki jis dayaniya satithhi me us Atma me sarir Ka tyag Kiya hota h Jaise road accident me sarir bhag hone ke baad jab sharir Ka tyag Kiya
ReplyDeleteAgar ye shamta insaanon ko di Jaye to 95% insaan 2 din jivit nhi rh skta
Is liye liye kutte Billi itna bhonkna or chillna suru Kar dete h.