आपका जन्म क्यों हुआ है ? आपके जीवन का उद्देश्य क्या है ?
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इन प्रश्नों का जवाब हर व्यक्ति खोजना चाहता है ।
लेकिन खोजे कहाँ से , यही एक समस्या है ।
ज्योतिष शास्त्र आपको इसकी सटीक जानकारी देता है ।
आज मैं आपको यही बताउंगा , कि ज्योतिष से इन प्रश्नों का उत्तर कैसे प्राप्त किया जाये ?
इन प्रश्नों का उत्तर जानने से पहले आपका "" भृगु बिन्दु"" से परिचित होना आवश्यक है ,
भृगु बिन्दु:-- ""जन्म के चन्द्र ओर राहु के अक्ष के मध्य स्थित अत्यंत संवेदनशील (sensetive point) बिन्दु को भृगु बिन्दु कहा जाता है ।
चन्द्र आपके जन्म का कारण ओर माध्यम है , इसलिये ही माता का कारक ग्रह चन्द्र है ,
तथा राहु आपके पिछले जन्म के बचे हुये शेष कर्मों को दर्शाता है ।
चन्द्र ओर राहु के मध्य स्थित संवेदन शील बिन्दु जिसे आप "" भाग्य बिन्दु"" भी कह सकते है , यही आपके जन्म का कारण बताता है ।
भृगु बिन्दु कि गणना कैसे कि जाये --
चन्द्रमा के भोगांश में से राहु के भोगांश को घटायें। जो बचता है उसे 2 से भाग दें। प्राप्तांक में जन्म कुंडली के राहु के भोगान्शो को जोड़ दें। यह प्राप्तांक राहु-चन्द्रमा अक्ष का भृगु बिंदु होगा।
आपकी जन्म पत्रिका मे देखे कि आपका ""भृगु बिन्दु"" (Destiny point) कहाँ स्थित है ?
""भृगु बिन्दु"" जिस भाव , जिस राशि , तथा जिन ग्रहों से दृष्ट या युत होता है , वही स्थिति आपके जन्म लेने का कारण ओर उद्देश्य बताती है ।
तथा गोचर मे जब जब इस बिन्दु पर शुभाशुभ ग्रहों का प्रभाव होता है, तब तब आपके जीवन मे लम्बे समय तक स्मरण रहने वाली घटनाये घटती है ।
उदाहरणके लिये आप पोस्ट के साथ दी गई कुण्डली को देखे , इस कुण्डली मे ""भृगु -बिन्दु"" नवम भाव मे स्थित है, तथा योगकारक शनि कि दृष्टि भृगु बिन्दु पर है, भृगुबिन्दु का स्वामी 12वे भाव मे सूर्य ओर केतु के साथ स्थित है , तथा शनि से ही दृष्ट है ।
नवम भाव धर्म का है , पुण्य का है, भगवान का है, ज्योतिष ओर गूढ ज्ञान का है ।
तो यहाँ भृगु बिन्दु दर्शाता है कि जातक धार्मिक , ज्ञानी , विद्वान ओर विद्या के कारण खूब मान सम्मान प्राप्त करने वाला होगा, तथा निश्चित ही ज्योतिष ओर धर्म के क्षेत्र मे लेखन करने वाला सफल भविष्यवक्ता होगा।
यह भारत के एक सफल ज्योतिषी "" श्री के.एन.राओ."" कि जन्म जन्मकुंडली है ।
भारतभूषण शर्मा