डिप्रेशन से कैसे बचे ?
आज के समय मे अधिकांश व्यक्ति डिप्रेशन ओर चिंता के शिकार है ।
जब किसी को जीवन मे मनचाहा नही मिला , वहीं दुःख ओर तनाव शुरू ।
जब मन के अनुसार जीवन मे कुछ घटित नही हुआ , वहीं दुःख ओर तनाव शुरू ।
डिप्रेशन एक ऐसी खतरनाक ओर लाइलाज बीमारी है जो शरीर मे कई रोगों को जन्म देने मे सक्षम है , चिंता को चिता के समान इसलिये ही बताया गया है क्योंकि चिंता बिना अग्नि के शरीर को धीरे धीरे जलाती है ।
आज मैं आपको डिप्रेशन से निकलने का एक सटीक मार्ग बता रहा हुँ , जो कोई डिप्रेशन से ग्रसित है, वो यदि इस मार्ग पर चलते है तो निश्चित रूप से वो खुश रहना सीख जायेंगे।
1. आपके पास क्या नही है , इस पर कभी भी विचार नही करे , क्योंकि आपके पास बहुत कुछ ऐसा है जिसे प्राप्त करना लाखों लोगों के लिये अभी भी एक सपना है ।
तथा कभी भी अपनी तुलना दूसरों के जीवन से ना करे ।
2. कभी भी अकेले ना रहे , हमेशा अपने घनिष्ठ लोगों के साथ रहे ।
3. आपके जीवन मे कोई भी एक ऐसा मित्र होना चाहिये, जिसके पास मे आँसु बहाने मे आपको झिझक ना हो।
जिससे आप आपके मन की हर प्रकार कि बात कह सके , जो आपको हमेशा सही सलाह देता हो ।
वो मित्र आपके माता-पिता या गुरू भी हो सकते है ।
अगर ऐसा कोई मित्र आपके जीवन मे नही है , तो भगवान को अपना मित्र बना ले ।
4.हमेशा अपने आपको किसी ना किसी काम मे व्यस्त रखे , आपके मन को कभी भी खाली ना रहने दे ।
फिल्म देखे , संगीत सुने , पुस्तक पढे ,कहीं घूमने चले जाये या फेसबुक चलाये ,अगर आप विवाहित है तो अपने जीवन साथी के साथ समय बिताये ।
5. आत्मविश्लेषण करे कि आपको सबसे अधिक आनंद किस कार्य मे मिलता है ?
उसी कार्य को सबसे अधिक करे ।
अब इसका यह अर्थ ना निकाल लेना कि जिसे नशे मे आनंद मिलता हो , वो ओर अधिक नशा करने लग जाये ।
6.""प्रारब्ध पहले रच्यो, पीछे भयो शरीर।
तुलसी चिंता क्या करे ,भज ले श्री रघुवीर ।।""
इस दोहे को आप मोटे अक्षरों मे किसी कागज पर लिखकर अपने बेडरूम मे या घर कि किसी दीवार पर ऐसी जगह चिपका दे , जहाँ आपकी दृष्टि बार बार जाती हो ।
तथा प्रतिदिन इसे पढे , यह आपको हमेशा चिन्ताओं से मुक्त तथा दुःख के समय मे हिम्मत देगा ।
ओर यही वास्तव मे जीवन का सत्य भी है ।
7 प्रतिदिन कि दिनचर्या मे कोई भी एक धार्मिक क्रिया शामिल करे , जैसे:-- प्रतिदिन मंदिर जाना, राम चरित मानस या भगवद्गीता का थोडा थोडा अध्ययन प्रतिदिन करना ।
गौ सेवा करना , पक्षियों को चुग्गा ,या चीटियों को आटा डालना ।
कोई भी एक ऐसा कार्य चुन ले , जिसे करके आपका मन शांति का अनुभव करता हो ।
8. अपने शरीर के साथ साथ घर , पहनने के वस्त्र, तथा सोने के लिये उपयोग मे आने वाले बिस्तर को हमेशा साफ ओर स्वच्छ रखे ।
क्योंकि गन्दगी ओर अशुद्धता हमेशा नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है ।
प्रतिदिन प्रातः ओर साँय दो बार स्नान करे , क्योंकि ""जल"" मे चन्द्रमाँ का निवास होता है , ओर चन्द्र ""मन"" का स्वामी होता है ,जैसे ही जल आपके शरीर से स्पर्श होता है तो आपमे हमेशा एक नई ऊर्जा का संचार होता है , मन शांत हो जाता है ।
अगर आप डिप्रेशन के शिकार है तो इन बिन्दुओं का पालन करने पर आप काफी हद तक इससे निजात पा लेंगे ।
भारतभूषण शर्मा