**** फ्री का लड्डु****
एक बार एक शहर के बहुत प्रसिद्ध डॉक्टर साहब किसी के विवाह समारोह में शामिल होने के लिये गये । जैसे ही वहाँ उपस्थित लोगो को पता चला कि यहाँ डॉक्टर साहब आये है, वेसे ही लोगों कि भीड डॉक्टर साहब के इर्द गिर्द इकठ्ठी हो गई ।देखते ही देखते 300 आदमियों का जमावडा डॉक्टर साहब के चारों तरफ लग गया । सभी अपनी अपनी समस्याएँ डॉक्टर साहब को बताने लगे । कोइ कहता कि मुझे पेट दर्द रहता है, तो कोइ कहता कि मेरे आधे सिर में दर्द रहता है ।
डॉक्टर साहब परेशान होगये ।
उन्होने अपने असिस्टेन्ट से कहा कि एसा करो, यहाँ जितने भी लोग मुझसे सलाह लेना चाहते है इनसे सबसे 500-500 रूपये फीस के ले लो तथा उनका नाम एक कागज पर लिख लो ।
जेसे ही असिस्टेन्ट ने फीस का एलान किया... वेसे ही देखते देखते वहाँ से सारी भीड समाप्त हो गई । मात्र केवल 10 लोग एसे थे जिन्होने डॉ. साहब से सलाह लेने के लिये फीस दी ।
डॉ. साहब ने उन दस व्यक्तियों को आराम से बैठकर उनकि बिमारी के बारे में समझाया तथा उनको कुछ दवाइयो के नाम लिखकर दे दिये ।
थोडी देर बाद डॉ. साहब ने अपने असिस्टेन्ट को बुलाकर कहा कि इन लोगो ने जो फीस के लिये पेसे दिये थे.. वो इन्हे लोटा दो ।
असिस्टेन्ट ने सबको पेसे लोटा दिये ।
तथा डॉ. साहब से फीस माँगकर लोटाने का कारण पूछा ।
डॉ. साहब बोले:-- यहाँ जो 300 व्यक्ति इकठ्ठा हुये थे, उनमें से 290 व्यक्ति फ्री का लड्डु खाने वाले थे ।
उन व्यक्तियों के चक्कर में बेचारे ये 10 व्यक्ति रह जाते, जिन्हे मेरी वास्तव में सलाह कि जरूरत थी ।
असिस्टेन्ट को जीवन का एक नया ज्ञान मिल गया था ।
भारतभूषण शर्मा