किन के लिये फलदायी होता है ""गजकेसरी योग"
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आम जनमानस मे ज्योतिष का "गजकेसरी योग" बहुत प्रसिद्ध है। जब किसी को पता चलता है कि उसकी जन्मकुण्डली मे गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है तो वह खुशी से फूला नही समाता है।
गजकेसरी योग का निर्माण गुरु ओर चन्द्र के सहयोग से होता है।
जब जन्मकुण्डली मे गुरु ओर चन्द्र साथ हो या चन्द्र से गुरु केन्द्र स्थान 1,4,7,10 मे हो तब गजकेसरी योग का निर्माण होता है।
फल:- गजकेसरी योग मे जन्म लेने वाला जातक राजा या राजा कि तरह सम्मानित, धनी, उच्च पद पर आसीन, अपने क्षेत्र मे प्रतिष्ठित ओर महारथी, ज्ञानी ओर विद्वान होता है।
पर यह योग आपको आसानी से 100 मे से 80 जन्मपत्रिकाओं मे सरलता से देखने को मिल जाता है। ओर इन 80 मे से 60 जातक आपको छोटी-मोटी नौकरी करने वाले, सामान्य आमदनी वाले, एक सामान्य स्तर का जीवन जीते नजर आयेंगे।
इसका कारण यह है कि लोगों को योग के बनने कि परिभाषा तो याद है लेकिन योग की बारीकि से परख करना, योग कि शक्ति का आकलन करने कि जानकारी सभी के पास नही होती है।
इसी जानकारी के अभाव के कारण अनेक ज्योतिषी भी ज्योतिष मे बताये गये इन योगों को मिथ्या बताने लगते है।
गजकेसरी योग 12 लग्न मे से केवल मेष, मिथुन, कर्क, कन्या, वृश्चिक ओर मीन लग्न वाले जातकों के लिये ही शुभफलदायी होता है।
तुला लग्न मे भी इसका शुभ प्रभाव देखा गया है, लेकिन तुला लग्न मे यह सिर्फ दशम भाव मे बने तो अपने शुभ परिणाम दिखाता है।
इसके पश्चात इस योग कि शक्ति को परखना चाहिये, अगर योग मे शक्ति नही है तो आपको इस योग का कोई शुभ फल मिलने वाला नही है।
अगर इस योग मे थोडी सी भी शक्ति आपकी जन्मकुण्डली मे है तो आपका भाग्य कदम कदम पर सहयोग करेगा।
भारतभूषण शर्मा
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आम जनमानस मे ज्योतिष का "गजकेसरी योग" बहुत प्रसिद्ध है। जब किसी को पता चलता है कि उसकी जन्मकुण्डली मे गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है तो वह खुशी से फूला नही समाता है।
गजकेसरी योग का निर्माण गुरु ओर चन्द्र के सहयोग से होता है।
जब जन्मकुण्डली मे गुरु ओर चन्द्र साथ हो या चन्द्र से गुरु केन्द्र स्थान 1,4,7,10 मे हो तब गजकेसरी योग का निर्माण होता है।
फल:- गजकेसरी योग मे जन्म लेने वाला जातक राजा या राजा कि तरह सम्मानित, धनी, उच्च पद पर आसीन, अपने क्षेत्र मे प्रतिष्ठित ओर महारथी, ज्ञानी ओर विद्वान होता है।
पर यह योग आपको आसानी से 100 मे से 80 जन्मपत्रिकाओं मे सरलता से देखने को मिल जाता है। ओर इन 80 मे से 60 जातक आपको छोटी-मोटी नौकरी करने वाले, सामान्य आमदनी वाले, एक सामान्य स्तर का जीवन जीते नजर आयेंगे।
इसका कारण यह है कि लोगों को योग के बनने कि परिभाषा तो याद है लेकिन योग की बारीकि से परख करना, योग कि शक्ति का आकलन करने कि जानकारी सभी के पास नही होती है।
इसी जानकारी के अभाव के कारण अनेक ज्योतिषी भी ज्योतिष मे बताये गये इन योगों को मिथ्या बताने लगते है।
गजकेसरी योग 12 लग्न मे से केवल मेष, मिथुन, कर्क, कन्या, वृश्चिक ओर मीन लग्न वाले जातकों के लिये ही शुभफलदायी होता है।
तुला लग्न मे भी इसका शुभ प्रभाव देखा गया है, लेकिन तुला लग्न मे यह सिर्फ दशम भाव मे बने तो अपने शुभ परिणाम दिखाता है।
इसके पश्चात इस योग कि शक्ति को परखना चाहिये, अगर योग मे शक्ति नही है तो आपको इस योग का कोई शुभ फल मिलने वाला नही है।
अगर इस योग मे थोडी सी भी शक्ति आपकी जन्मकुण्डली मे है तो आपका भाग्य कदम कदम पर सहयोग करेगा।
भारतभूषण शर्मा
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