बुध ग्रह
बुध प्रधान व्यक्ति को तर्क वितर्क मे कोई भी परास्त नही कर सकता है , इसका कारण यह है कि बुध चन्द्रमाँ ओर देवगुरु बृहस्पति के पुत्र है । इनके दो पिता होने के पीछे एक पौराणिक कथा मिलती है कि एक बार चन्द्र ने देवगुरु बृहस्पति कि पत्नी का हरण कर लिया था , उनसे बुध का जन्म हुआ ।
जब बृहस्पति को इस घटना का पता चला तो उन्हे चन्द्र पर क्रोध आया , वे तुरन्त चन्द्र के पास पहुँचे तो वहाँ उन्होने उनकी पत्नी कि गोद मे सुन्दर राजकुमार बुध को देखा , बुध का स्वरूप इतना लुभावना ओर सुन्दर था कि उन्हे देखते ही गुरू अपना क्रोध भूल गये , तथा बुध को पुत्र रूप मे स्वीकार कर लिया ।
बुध को ग्रहों मे राजकुमार का पद प्राप्त है , वो दिखने मे बहुत सुन्दर ओर यूवा है , बुध को हँसना ओर हँसाना बहुत पसन्द है । बुध प्रधान व्यक्ति के चेहरे पर सदैव एक मुस्कान रहती है , बृहस्पति ओर चन्द्र के पुत्र होने के कारण बुध को इन दोनो के सम्पूर्ण गुण प्राप्त है , बुध के पास भी बृहस्पति कि भाँति ज्ञान, विद्या ओर बुद्धि का भण्डार है ।
चूँकि बुध का जन्म छल से हुआ है इसलिये बुध प्रधान व्यक्ति मे चालाकी बहुत अधिक होती है । बुध जिस ग्रह के साथ होता है वैसा ही बन जाता है अतः बुध प्रधान व्यक्ति बच्चों मे बच्चा ,ज्ञानियों मे ज्ञानी, बुजुर्गो मे बुजुर्ग, ओर युवाओं मे युवा कि भाँति बन जाते है ।
बुध अगर सूर्य के साथ हो तो ""बुधादित्य योग"" बनता है , यह योग 99% ज्योतिषियों कि जन्म कुण्डली में पाया जाता है ।
इस योग वाले जातक विद्या ओर बुद्धि से समाज मे बहुत मानसम्मान तथा धन प्राप्त करते है ।
बुध अगर गुरू के साथ बलवान होकर बैठा हो तो व्यक्ति को शास्त्रार्थ ओर पाण्डित्य मे महारत हासिल होती है, बुध अगर चन्द्र के साथ हो तो व्यक्ति को मनोविज्ञान का बहुत अच्छा ज्ञान होता है, बुध अगर मंगल के साथ हो तो व्यक्ति को गणित मे महारत हासिल होती है, बुध अगर शनि के साथ हो तो व्यक्ति गूढ रहस्यों को खोजने मे सफल होतात जाता है, बुध अगर शुक्र के साथ हो तो अभिनय ओर गायन मे सफलता मिलती है, बुध अगर केतु के साथ हो व्यक्ति गूढ विद्याओं किस तरफ आकृष्ट रहता है , बुध अगर राहु के साथ हो तो व्यक्ति बहुत अधिक शातिर दिमाग का होता है, एसे व्यक्ति अपनी बुद्धि का उपयोग आपराधिक कार्यों के लिये करते है ।
इन सभी फलों कि प्राप्ति हेतु बुध ओर उसके साथ बैठने वाले ग्रहों मे बल होना आवश्यक है।
नोट:-- यहाँ केवल बुध के सामान्य परिणाम लिखे गये है, जन्मकुंडली मे बुध किस भाव, किस राशि , किस ग्रह से दृष्ट, किस ग्रह के साथ, किस ग्रह के नक्षत्र तथा षोडशवर्ग मे बुध कि स्थिति पर विचार करने के पश्चात ही बुध द्वारा जनित परिणाम को ज्ञात किया जा सकता है ।
भारतभूषण शर्मा
बुध प्रधान व्यक्ति को तर्क वितर्क मे कोई भी परास्त नही कर सकता है , इसका कारण यह है कि बुध चन्द्रमाँ ओर देवगुरु बृहस्पति के पुत्र है । इनके दो पिता होने के पीछे एक पौराणिक कथा मिलती है कि एक बार चन्द्र ने देवगुरु बृहस्पति कि पत्नी का हरण कर लिया था , उनसे बुध का जन्म हुआ ।
जब बृहस्पति को इस घटना का पता चला तो उन्हे चन्द्र पर क्रोध आया , वे तुरन्त चन्द्र के पास पहुँचे तो वहाँ उन्होने उनकी पत्नी कि गोद मे सुन्दर राजकुमार बुध को देखा , बुध का स्वरूप इतना लुभावना ओर सुन्दर था कि उन्हे देखते ही गुरू अपना क्रोध भूल गये , तथा बुध को पुत्र रूप मे स्वीकार कर लिया ।
बुध को ग्रहों मे राजकुमार का पद प्राप्त है , वो दिखने मे बहुत सुन्दर ओर यूवा है , बुध को हँसना ओर हँसाना बहुत पसन्द है । बुध प्रधान व्यक्ति के चेहरे पर सदैव एक मुस्कान रहती है , बृहस्पति ओर चन्द्र के पुत्र होने के कारण बुध को इन दोनो के सम्पूर्ण गुण प्राप्त है , बुध के पास भी बृहस्पति कि भाँति ज्ञान, विद्या ओर बुद्धि का भण्डार है ।
चूँकि बुध का जन्म छल से हुआ है इसलिये बुध प्रधान व्यक्ति मे चालाकी बहुत अधिक होती है । बुध जिस ग्रह के साथ होता है वैसा ही बन जाता है अतः बुध प्रधान व्यक्ति बच्चों मे बच्चा ,ज्ञानियों मे ज्ञानी, बुजुर्गो मे बुजुर्ग, ओर युवाओं मे युवा कि भाँति बन जाते है ।
बुध अगर सूर्य के साथ हो तो ""बुधादित्य योग"" बनता है , यह योग 99% ज्योतिषियों कि जन्म कुण्डली में पाया जाता है ।
इस योग वाले जातक विद्या ओर बुद्धि से समाज मे बहुत मानसम्मान तथा धन प्राप्त करते है ।
बुध अगर गुरू के साथ बलवान होकर बैठा हो तो व्यक्ति को शास्त्रार्थ ओर पाण्डित्य मे महारत हासिल होती है, बुध अगर चन्द्र के साथ हो तो व्यक्ति को मनोविज्ञान का बहुत अच्छा ज्ञान होता है, बुध अगर मंगल के साथ हो तो व्यक्ति को गणित मे महारत हासिल होती है, बुध अगर शनि के साथ हो तो व्यक्ति गूढ रहस्यों को खोजने मे सफल होतात जाता है, बुध अगर शुक्र के साथ हो तो अभिनय ओर गायन मे सफलता मिलती है, बुध अगर केतु के साथ हो व्यक्ति गूढ विद्याओं किस तरफ आकृष्ट रहता है , बुध अगर राहु के साथ हो तो व्यक्ति बहुत अधिक शातिर दिमाग का होता है, एसे व्यक्ति अपनी बुद्धि का उपयोग आपराधिक कार्यों के लिये करते है ।
इन सभी फलों कि प्राप्ति हेतु बुध ओर उसके साथ बैठने वाले ग्रहों मे बल होना आवश्यक है।
नोट:-- यहाँ केवल बुध के सामान्य परिणाम लिखे गये है, जन्मकुंडली मे बुध किस भाव, किस राशि , किस ग्रह से दृष्ट, किस ग्रह के साथ, किस ग्रह के नक्षत्र तथा षोडशवर्ग मे बुध कि स्थिति पर विचार करने के पश्चात ही बुध द्वारा जनित परिणाम को ज्ञात किया जा सकता है ।
भारतभूषण शर्मा
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