शनि बिना मृत्यु नहीं
*** शनि का मृत्यु में योगदान***
संसार के किसी भी जीव कि मृत्यु तब तक नहीं हो
सकती जब तक उस जीव का मृत्यु योग बनाने में शनि सहयोग नहीं करे ।
बिना शनि के सहयोग के कोइ भी ग्रह मृत्यु देने में समर्थ नहीं है ।
मैं आपको कुछ विश्व प्रसिद्ध व्यक्तियो के जन्मांग से इस बात को समझाता हुँ:--
1.इन्दिरा गाँधी:-- जन्म दिनांक:- 19-11-1917
जन्म समय:- 23:11
स्थान:- इलाहाबाद
मृत्यु:- 31 -10-1984
इनकि मृत्यु के समय शनि में राहु का अन्तर था ।
2. महात्मा गाँधी:- जन्म दिनांक:- 2-10-1869
जन्म समय:- 8:36
स्थान:- पोरबन्दर
मृत्यु:- 30-1-1948
इनकि मृत्यु के समय शनि कि साढेसाती का द्वितीय चरण था ।
3.राजीव गाँधी :- जन्म दिनांक:- 20-8-1944
जन्म समय:- 9:53
मृत्यु:- 21-मई 1991
इनकि मृत्यु के समय शनि कि ढैया चल रही थी ।
4. संजय गाँधी :- 14-12-1946
जन्म समय:- 9:27
मृत्यु:-- 23जून 1980
इनकि मृत्यु के समय चन्द्र में बुध में शनि का अन्तर था ।
5. राजीव दिक्षित:- जन्म दिनांक:- 30 nov. 1967
जन्म समय:- 10:53
मृत्यु:- 30nov. 2010
इनकि मृत्यु के समय शनि कि साढेसाती थी ।
6. जवाहरलाल नेहरू:- जन्म दिनांक:- 14 नवम्बर 1889
जन्म समय:- 23-20
स्थान:- इलाहाबाद
मृत्यु:- 27 मई 1964
इनकि मृत्यु के समय शनि कि ढैया थी ।
अगर किसी कि कुण्डली में मृत्यु योग बनाने वाले ग्रहो कि दशा चल रही हो ओर उन ग्रहों को शनि का समर्थन मिल जाये या शनि सहायता कर देवे तो जातक कि मृत्यु 100% समझ लेना चाहिये ।
बिना शनि के सहयोग के कोइ भी ग्रह मृत्यु देने में समर्थ नहीं है ।
क्यों कि शनि आयु ओर मृत्यु भाव का कारक है । पौराणिक मान्यता के अनुसार शनि यमराज के भाई भी है ।
भारत भूषण शर्मा