नाम राशि ओर जन्म राशि का उपयोग किन किन स्थानों पर होता है ?

अधिकांशतः बहुत से व्यक्तियों कि जन्म राशि ओर नाम राशि भिन्न भिन्न होती है, इसलिये वे सदैव संशय कि स्थिति मे रहते है कि राशिफल नाम राशि से देखुँ या जन्म राशि से ।

आज के समय मे नये नये ऋषि महर्षियों का जन्म हो रहा है जो जन्म राशि ओर नाम राशि से भी आगे बढकर लग्न राशि से राशिफल देखने को कहते है। लोगों मे राशियों को लेकर confusion इतना बढ गया है कि मैं भी सबको इस प्रश्न का जवाब देते देते ऊब गया हुँ।
विचार किया कि इस पर शास्त्रीय मत से एक विस्तृत लेख लिखना चाहिये जिससे सभी को समाधान प्राप्त हो ।

राशियों के उपयोग के विषय मे ज्योतिष शास्त्र कहता है कि :---
""देशे ग्रामे ग्रहे युद्धे, सेवायां व्यवहारके ।
नाम राशे: प्रधानत्वं, जन्म राशिं न चिन्तयेत।।"
देश-परदेश, गाँव मे निवास के समय कि कोनसा स्थान आपके लिये लाभदायक है ओर कोनसा हानिकारक।  गृह प्रवेश के समय , युद्ध-कोर्ट कचहरी मे, सेवा अर्थात नौकर रखते समय, नौकरी मे तथा व्यापार ओर व्यवहार में पुकारने वाले प्रचलित नाम की राशि का प्रयोग करना चाहिये।

विवाहे सर्वमागंल्ये, यात्रादौ ग्रह गोचरे।
जन्मराशेः प्रधानतत्वं, नामराशिं न चिन्तयेत।।

विवाहादि समस्त शुभ मांगलिक कार्यों में, यात्रा में और ग्रह गोचर फल में विचार हेतु जन्मराशि अर्थात कुण्डली के अनुसार जो राशि है, उससे विचार करना चाहिये ।
इससे स्पष्ट है कि ज्योतिष शास्त्र  राशिफल,ग्रह गोचर फल देखने के लिये जन्म राशि से विचार करने का स्पष्ट निर्देश देता है ।

संपूर्ण ज्योतिष शास्त्र मे कहीं नहीं लिखा है कि आप लग्न से ,या नाम राशि से राशिफल देखे ।
किंतु आजके आधुनिक स्वयंभु  ऋषि महर्षियों ने लग्न से राशिफल ओर गोचर फल बताना प्रारंभ कर दिया है जो कि 100% गलत है ।
भारतभूषण शर्मा