क्या चन्द्र-राहु ओर चन्द्र-केतु कि युति हमेशा अशुभ परिणाम देती है ?
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चन्द्र-राहु ओर चन्द्र-केतु कि युति को ग्रहण दोष बताया गया है , ग्रहण दोष के फल बहुत अधिक नकारात्मक होते है । किन्तु कुछ विशेष परिस्थितियों मे चन्द्र-राहु ओर चन्द्र-केतु कि युति बने तो यह जातक को फर्श से अर्श पर पहुँचाने वाला योग बन जाता है ।

1.चन्द्र-राहु कि विशेष परिस्थिति मे बनने पर जातक कि कल्पना शक्ति मे बहुत अधिक वृद्धि कर देती है , अगर यदि जातक का कार्यक्षेत्र कल्पना से संबंधित जैसे:- कवि,चित्रकार,कलाकार,अभिनेताआदि हो तो यह जातक को फर्श से अर्श तक पहुँचाने कि क्षमता रखती है ।
यह जातक के मन मे एसे एसे आइडिया उत्पन्न करती है,जो अबसे पहले किसी को नहीं आया होता है।
जैसे मार्कजुकरबर्ग को "फेसबुक" बनाने का आइडिया आया, इण्टरनेट पर उपलब्ध जन्मविवरण के अनुसार मार्कजुकर बर्ग कि जन्मकुण्डली मे चन्द्र-राहु योग है।

2. चन्द्र केतु कि युति शुभ होने पर जातक का मन हमेशा गूढ रहस्यों को जानने के लिये लालायित रहता है। रिसर्च के क्षेत्र मे एसे जातक बहुत अधिक नाम कमाते है। ज्योतिष-तन्त्र-मंत्र मे इन्हे सहज ही सफलता मिल जाती है ।अध्यात्म के क्षेत्र मे भी यह बहुत अधिक उन्नति कर सकते है । नीचे दी गई जन्मकुण्डली तंत्र के क्षेत्र मे सफल जातक की है । इनका बचपन बहुत अधिक गरीबी मे व्यतीत हुआ है, किन्तु आज तंत्र मे आस पास के क्षेत्र मे बहुत अच्छा नाम है।

अगर चन्द्र-राहु, चन्द्र-केतु कि युति शुभ ना होतो सम्पूर्ण जन्मकुण्डली का शुभफल प्रभावित होता है , जातक शंकालु ,ईर्ष्यालु, दुर्व्यसनी तथा कुसंगति मे पङकर स्वयं का जीवन स्वयं के हाथों से स्वयं ही नष्ट करता है ।
भारतभूषण शर्मा